क्या शीघ्रपतन एक जटिल समस्या है?
अगर यह सवाल 100 लोगों से पूछा जाए कि कौन-कौन शीघ्रपतन से परेशान है तो पुरे दुनिया में 40% से ज़्यादा लोग हमेशा यही कहते हैं कि हां, मेरे साथ ऐसा होता है। दरअसल, यह पुरुषों में होने वाली सबसे आम मनोवैज्ञानिक यौन विकारों में से एक है, जहां शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग ही इस शीघ्रपतन की शिकायत करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति के यौन जीवन में शीघ्रपतन की समस्या क्यों आती है? बहुत सारे लोग स्वस्थ और तंदुरुस्त होते है लेकिन जब भी वह अपनी यौन गतिविधियों में भाग लेते है, तो वह जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते है और उसकी यौन क्रिया की टाइमिंग शून्य स्तर की हो जाती है।
चलिए जानते है इसके बारे में, जैसा कि हम जानते है कि मानव का मनोविज्ञान समय के साथ यौन गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, जहां स्वस्थ मानसिक स्थिति की भूमिका हमेशा बिस्तर पर लंबे समय तक टिकने में अहम भूमिका निभाती है। यह भी सच है कि शारीरिक कारक की स्थिति इस यौन विकार का कारण बन सकती है, लेकिन केवल 5 से 10% मामले ही इस शारीरिक कारक की स्थिति से जुड़े होते हैं। अगर सच कहा जाए तो शीघ्रपतन के लिए स्तंभन दोष बहुत हद तक जिम्मेवार है।
पुरुष स्वस्थ है लेकिन वह शीघ्रपतन से पीड़ित है, ऐसा क्यों?
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि पुरुषों में संभोग शुरू करने के बाद स्खलन का औसत समय लगभग साढ़े पांच मिनट होता है। दरअसल, यह समय हर व्यक्ति और हर समय के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस यौन क्रिया में कई कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह व्यक्ति विशेष पर भी निर्भर करता है कि वह कितने समय में इस यौन क्रिया से संतुष्ट होता है।
उनका मानना है कि शीघ्रपतन की स्थिति में पुरुष कमज़ोर नहीं होता, बल्कि वह तब कमज़ोर होता है जब उसके पास निम्लिखित कारक घटित होते है –
- उम्र बढ़ती तो मायने रखती है
- समग्र स्वास्थ्य ख़राब होता तो मायने रखता है
- हार्मोन का स्तर असंतुलित होता तो मायने रखता है
- नसें और कोशिकाएँ कमजोर होती तो मायने रखती हैं
- शरीर में रक्त का प्रवाह असंतुलित होती तो मायने रखता है
- मानसिक स्थिति से कमजोर या तनाव में होता तो मायने रखती है
- भावनात्मक मुद्दे अगर परेशान करे तो मायने रखते हैं
क्या शीघ्रपतन स्थायी समस्या है:-
भारत के इस गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि आमतौर पर, शीघ्रपतन किसी व्यक्ति के साथ एक स्थायी स्थिति या समस्या नहीं होती है। इसे प्राकृतिक उपचार, व्यवहार संबंधी उपचार, मनोवैज्ञानिक परामर्श और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के बाद सुधारा जा सकता है। व्यक्ति पुनः बिस्तर पर लंबे समय तक अपने साथी के साथ समय व्यतीत कर सकता है।
डॉ. सुनील दुबे जो कि आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं उन्होंने इस शीघ्रपतन पर शोध किया है। दरअसल, वे दुबे क्लिनिक में अभ्यास करते हैं, जहाँ हर दिन दस से बारह शीघ्रपतन के मरीज अपने-अपने गुप्त समस्या के सुधार के लिए आते हैं। अपने दैनिक अभ्यास, अनुभव और नियमित शोध के आधार पर, उन्होंने पाया कि आम तौर पर, कोई भी व्यक्ति शीघ्रपतन के मुख्यतः चार चरणों में पीड़ित होता है जैसे कि प्राथमिक, द्वितीयक, परिवर्तनशील और व्यक्तिपरक। चिकित्सा व उपचार के दौरान, रोगी के समस्या का सही चरण की पहचान करना हमेशा मायने रखता है। वास्तविक चरण के जाने बिना, आयुर्वेदिक उपचार या परामर्श लंबे समय तक प्रभावी नहीं होता है। यही कारण है कि इस प्रकार के रोगी का सही चिकित्सा व उपचार नहीं मिल पाता है और वह आयुर्वेदिक दवा को दोष देता है।
पुरुषों में शीघ्रपतन के मुख्य कारण होते है:-
डॉ. सुनील दुबे बताते है कि भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक कारक और प्रदर्शन की चिंता हमेशा एक व्यक्ति के यौन-क्रिया को शीघ्रपतन की ओर ले जाती है। नए साथी के साथ होने की घबराहट, फिर से यौन क्रियाकलाप करने में बेचैनी, यौन क्रियाकलापों में आत्मविश्वास की कमी, लंबे समय तक संयम के बाद यौन क्रियाकलाप में भाग लेना, अपराधबोध की भावना का होना, अतिउत्तेजना की स्थिति में रहना, तनाव और अवसाद जैसे अन्य कारण। उपयुक्त सभी कारक किसी भी व्यक्ति को शीघ्रपतन की ओर ले जाता है।
अब, लोग इस कारण पर विचार कर सकते हैं कि जब वे शीघ्रपतन के अपने उपचार के लिए किसी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके लिए कौन अधिक फायदेमंद है, या तो अनुभवी और शोधकर्ता सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर या सामान्य सेक्सोलॉजिस्ट।
बहुत सारे लोग पूछते हैं कि स्खलन के बाद उन्हें थकान और मूड स्विंग जैसा क्यों महसूस होता है: –
विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी है, कहते हैं कि आम तौर पर यह कारक डोपामाइन से संबंधित होता है जो इस यौन क्रिया में संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है। संभोग के बाद पुरुषों में डोपामाइन का स्तर बेस लाइन के नीचे चला जाता है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में इस तरह के परिवर्तन होता है।
जब व्यक्ति में डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तो वह निम्नलिखित घटनाओं को महसूस करता हैं:-
- अवसाद
- कम ऊर्जा
- कम आत्मसम्मान
- सामाजिक चिंता
दुबे क्लिनिक में शीघ्रपतन व अन्य सभी गुप्त व यौन रोग का उपचार:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि वे शीघ्रपतन के रोगी को अपना व्यापक उपचार व चिकत्सा प्रदान करते हैं। इस चिकित्सा व उपचार पद्धति में, वे उन्हें प्राकृतिक दवा, व्यवहार संबंधी उपचार, मनोवैज्ञानिक परामर्श और स्वास्थ्य संबंधी सुझाव प्रदान करते हैं। वे टेस्टोस्टेरोन को प्रबंधन, प्रजनन क्षमता में सुधार करने और वीर्य प्रतिधारण का अभ्यास करने के बाद समय बढ़ाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी देते हैं।
अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में, वे जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रस-रसायन, प्राकृतिक गोली, प्रभावी व उच्च-कोटि का भस्म और घरेलू उपचार प्रदान करते हैं। ये सभी प्राकृतिक पूरक पर आधारित संरचना हैं और दुबे क्लिनिक इन सभी आयुर्वेदिक दवाइयाँ को दुबे लैब में स्वयं-निर्मित करती है। इस क्लिनिक से जुड़ने वाले लोग ही इसके चिकत्सा-उपचार का फायदा उठाते है क्योकि यह क्लिनिक अपनी दवाओं को खुले बाज़ार में वितरित नहीं करती।
यदि आप अपनी किसी भी गुप्त व यौन समस्याओं से पूर्ण रूप से छुटकारा पाना चाहते है तो एक बार दुबे क्लिनिक से जरूर जुड़े। आप हमें +91 98350 92856 पर कॉल भी कर सकते हैं।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 925486
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार