आज का यह टॉपिक उन युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो कि आजकल युवा पीढ़ी में काफी देखने को मिल रही है। जैसा कि हमने पिछले टॉपिक में धात सिंड्रोम के बारे में महत्वपूर्ण विषय प्रकाशित किया था, लेकिन आज के विषय में हम स्वप्नदोष (रात्रि स्राव) की समस्या का खुलासा करने जा रहे हैं। यह एक प्रकार का स्खलन है जो सोते समय तीव्र नेत्र गति के दौरान बिना किसी यौन गतिविधि या क्रिया किये बिना हो जाता है। इस स्वप्नदोष का समय या तो सुबह जल्दी या देर रात में होता है।
अगर इस स्खलन की अनुभूति की बात करे तो दुबे क्लिनिक ने तक़रीबन सौ से ज्यादा गुप्त रोगियों से उनके उपचार के समय इसके बारे में जानकारी ली। अधिकांश लोगो यही मानना था कि उन्हें यौन स्वप्न आता है और वो इस स्वप्न के दौरान ही वे लोग खुद को स्खलित कर लेते है। स्खलन होने के समय ही, वे लोग नींद से जग जाते है।
नाइट डिस्चार्ज (स्वप्नदोष) क्या है?
जैसा कि स्वप्नदोष नाम से ही पता चलता है, यह स्वप्न के दौरान होने वाला स्खलन से संबंधित है। यह एक प्रकार का सामान्य यौन विकार है जो अधिकतर युवाओं में प्रायः देखा जाता है। इस स्थिति में, युवा व्यक्ति को नींद के दौरान एक सहज संभोग सुख का सहज अनुभूति होता है जिसमें एक पुरुष के लिए स्खलन, या एक महिला के लिए संभोग सुख के दौरान योनि स्राव शामिल होता है।
इस स्वप्नदोष में पुरुष या महिला को किसी भी प्रकार की यौन क्रिया करने की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि, यह रात के समय या भोर के समय में यौन सपनों के दौरान अनायास ही घटित होता है। इसीलिए इसे गीला स्वप्न, रात्रि उत्सर्जन और निद्रा चरमसुख के नाम से भी जाना जाता है।
नाइट डिस्चार्ज (स्वप्नदोष) के कारण:
भारत के सबसे अनुभवी व पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट का कहना है कि आमतौर पर इस नाइट डिस्चार्ज के कई कारण होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक तनाव है तो उसे यह समस्या हो सकती है। कमजोर शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति और अत्यधिक वजन भी एक कारण है। जो लोग अत्यधिक शराब पीते और धूम्रपान करते हैं उन्हें भी इस समस्या से पीड़ित होना पड़ सकता हैं। यह समस्या ऐसे व्यक्तियों में भी देखी जाती है जो शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते है।
रात्रि उत्सर्जन (स्वप्नदोष) के कारण:
स्वप्नदोष के कारणों के बारे में हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे कहते हैं- दरअसल, युवावस्था में रात्रि उत्सर्जन या रात्रि स्राव के कई कारण होते हैं।
- मनोवैज्ञानिक कारण
- यौन लत की आदत
- यौन हार्मोन परिवर्तन
- यौन क्रिया में निष्क्रियता
- न्यूरोपैथी क्षति व नुकसान
- अनजाने में उत्तेजना होना
- वीर्य का रिसाव होना
- मूत्राशय का भरा होना
- प्रोस्टेट ग्रंथि का जमाव
- अधूरा किया गया हस्तमैथुन
यह स्राव या स्खलन सोते समय ही क्यों होता है?
कामुक सपने और स्पष्ट यौन सामग्री रात के दौरान अनैच्छिक स्खलन का कारण बन सकती है। यह पुरुष यौन समस्या व यौन हस्तक्षेप के कारण शरीर में वीर्य के अत्यधिक संचय को बाहर निकाल देती है। यह मानव मनोविज्ञान है कि रात के समय में अवचेतन मन पर ध्यान केंद्रित करने का सबसे अच्छा समय है जो इस विशिष्ट समय के दौरान प्रतिबिंबित होता है। यही कारण है को यह स्वप्नदोष का समय मध्य रात्रि या उषाकाल में होता है जब व्यक्ति गहरी निंद्रा में होता है।
रात्रिकालीन डिस्चार्ज अच्छा है या बुरा?
प्रकृतिनुसार, यह बिल्कुल भी बुरा नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को महीने में एक या दो बार इस स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो यह सामान्य बात है और उसे इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह बुरा तब होता है जब कोई व्यक्ति सप्ताह में कई बार इस स्थिति का सामना करता है। इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है जैसे कि स्वप्नदोष से पीड़ित व्यक्ति किसी काम को करने में जल्दी थक जाता है और अपने जीवन में अधिक थकान महसूस करता है। यह घटना व्यक्ति पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालती है जो कि भविष्य में उसे कामेक्षा की कमी व अन्य यौन रोग की ओर ले जाती है।
कुछ मामलों में, यह भी देखा गया है कि इस गुप्त रोग के कारण शारीरिक समस्याएं जैसे कि प्रसवकालीन मांसपेशियों या तंत्रिकाओं कमजोर हो जाती है व रोगी को बार-बार रात्रि स्राव का कारण बन जाती है।
युवावस्था में गीले सपने किस उम्र में शुरू होते हैं?
लड़कों में यौवन व लड़कियों में मासिक धर्म की शुरुआत जैसी घटना अचानक से शुरू नहीं होता है। यह आमतौर पर किशोरावस्था में 13 से 17 वर्ष की उम्र के बीच में शुरू होता है। किशोरावस्था की औसत आयु लगभग चौदह वर्ष होती है और यह गीला स्वप्न इसी उम्र में शुरू हो सकता है।
डॉक्टर डॉ. सुनील दुबे जो कि वर्तमान समय में, बिहार के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है का कहना है कि नाइट डिस्चार्ज के कारण लगभग 150-200 कैलोरी कम हो जाती है। कुछ स्थितियों में, इस समस्या के कारण पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाएं और वीर्य लगातार पतला हो जाए। इस प्रकार के गुप्त रोगियों को अपने इलाज में देर नहीं करनी चाहिए और उन्हें अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए व इलाज करवाना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को रात्रि स्त्राव यौन विकार का सामना करना पड़े तो क्या करें:
दरअसल, आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार और अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की सलाह मरीजों की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक उपचारों पर आधारित होता है जिससे इस दवा से रोगी को कोई दुष्प्रभाव होने की संभावना नहीं होती है। वह अपनी यौन समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर मरीज़ों की काउंसलिंग करता है और उनके सभी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोषों को दूर करता है।
आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान– दुबे क्लिनिक के बारे में:
दुबे क्लिनिक बिहार का पहला और भारत का सबसे विश्वसनीय आयुर्वेदा और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सालय दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा और पटना-04 पर स्थित है। यह क्लिनिक सभी गुणवत्ता उद्देश्यों के लिए प्रमाणित और अनुमोदित है। आयुर्वेदिक दवाओं की स्व-विनिर्माण इकाई हमेशा गुणवत्ता, शुद्धता और प्राकृतिक दवा तैयार करती है।
डॉ. सुनील दुबे विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो इस क्लिनिक में प्रतिदिन अभ्यास करते हैं। भारत के हर कोने से गुप्त व यौन रोगी फोन पर इस क्लिनिक से संपर्क करते हैं। बहुत सारे सुदूर प्रदेश में स्थित यौन रोगी पटना आकर दुबे क्लिनिक में अपना इलाज करवाते है।
वर्तमान समय में, वह भारत में अत्यधिक मांग वाले विश्वसनीय सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जहां सभी उम्र के गुप्त व यौन रोगी एक बार उनसे यौन परामर्श लेना चाहते हैं।
शुभकामना सहित:
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट व भारत गौरव से सम्मानित सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना – 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112