क्या आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन से परेशान है? बहुत सारे लोग इसे नपुंसकता के नाम से भी जानते है। स्पष्ट तौर पर कहे तो यह पुरुषो में होने वाला सामान्य गुप्त रोग है। पुरुषो में इरेक्शन में कमी का उम्र 40 वर्ष के बाद से शुरू होता है क्योकि पुरुष यौन हॉर्मोन (टेस्टोस्टेरोन) की मात्रा 1% से प्रति वर्ष इस उम्र के बाद से कम होने लगती है। आज के समय में तो हरेक 10 व्यक्ति में से एक इस यौन समस्या की शिकायत करता है।
अपनी इरेक्शन समस्याओं को जानें:
इरेक्शन क्या है? जब पुरुष अपने पेनिले को यौन क्रिया (संभोग) हेतु निरंतर सख्त बनाये रखता है और अपने इस क्रिया को पार्टनर के चरमसीमा तक बनाये रख स्खलित होता है। तब यह माना जाता है कि पुरुष का इरेक्शन अच्छा व स्वस्थ है।
इरेक्शन की समस्या क्या है? जब पुरुष अपने पेनिले को यौन क्रिया (संभोग) हेतु न तो सख्त बना पाता है और न ही इसे सही से बनाये रख पाता है। पुरुषो में होने वाले इस प्रकार के यौन समस्या को स्तंभन दोष या नपुंसकता के रूप में जाना है।
क्या आप इरेक्शन समस्याओं से पीड़ित यौन रोगी हैं?
क्या आपने नोटिस किया है कि आपको अपनी यौन गतिविधि के दौरान इरेक्शन पाने या बनाए रखने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है?
आपको लगता है कि आपके लिंग में कभी-कभी इरेक्शन होता है।
इस समय, आप यौन गतिविधि में भाग लेना चाहते हैं, आपकी यौन इच्छा भी सक्रिय है लेकिन आपका लिंग इरेक्शन शून्य डिग्री पर है।
दुनिआ भर में अपने सफल यौन चिकित्सा-उपचार के लिए प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक, कहते हैं कि आम तौर पर, 40 की उम्र के बाद पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक आम यौन समस्या के रूप में उभर कर आती है। इस उम्र के बाद, पुरुष यौन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर हर साल 1% से कम होने लगता है। अतः प्राकृतिक रूप से, इस प्रकार के यौन इच्छा या लिंग इरेक्शन कम होना स्वाभाविक प्रक्रिया मानी जाती है।
उनका कहना है कि आज के समय में, इरेक्टाइल डिसफंक्शन की यह समस्या बहुतायत लोगो में देखने को मिल रही है। वास्तव में, यह उन सभी लोगों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है जो इस यौन रोग की स्थिति का सामना कर रहे हैं। आम भाषा में कहे तो, इरेक्शन की समस्या के कारण व्यक्ति को नपुंसकता का टैग लग जाता है और वह इस गुप्त समस्या के कारण मानसिक रूप से विकृत होने लगता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के प्रकार के बारे में:-
डॉ. सुनील दुबे एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य हैं जो आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के बहुत बड़े विशेषज्ञ हैं। वे लंबे समय से बिहार में क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। वे एक सफल शोधकर्ता भी हैं और उन्होंने पुरुषों और महिलाओं में होने वाले इस गुप्त व यौन रोग के लिए अनेको आयुर्वेदिक चिकित्सा व दवाओं की खोज भी की है।
अपने लम्बे समय के अनुभव, अभ्यास और शोध के आधार पर, वे बताते हैं कि पुरुषों में इरेक्शन की समस्याओं के तीन चरण होते हैं। इन्हें कमजोर इरेक्शन, कभी-कभार इरेक्शन और कोई भी इरेक्शन नहीं के रूप में जाना जाता है। दुनिया में बहुतायत लोग (करीबन 90%) कमजोर इरेक्शन की समस्या से जूझ रहे हैं। इस स्थिति में, पुरुष के पास अपने पेनिले को खड़ा करने की क्षमता तो होती है, लेकिन कुछ शारीरिक मुद्दों के कारण; वह अपनी यौन गतिविधि में उचित इरेक्शन नहीं रख पाते या बनाये नहीं रख पाते।
1. कमजोर इरेक्शन: शारीरिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दे के कारण अपने पनीले को खड़ा करने की क्षमता होती है लेकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं।
2. कभी-कभार इरेक्शन: अपने पनीले को कभी-कभार खड़ा करने की क्षमता होती है जो केवल एक पल के लिए आती है और जाती है।
3. कोई इरेक्शन नहीं: जीवन भर अपने लिंग को खड़ा करने की क्षमता को खोने पर।
40 की उम्र से पहले पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या पुरुषो में क्यों होता है?
आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस के विशेषज्ञ डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई कारण होते हैं। अगर हम निम्नलिखित स्थितियों पर ध्यान दें, तो हम इस यौन समस्या के बारे में आसानी से समझ सकते हैं।
1. शारीरिक स्थिति: इरेक्टाइल डिसफंक्शन के 90% मामले शारीरिक स्थिति से ही जुड़े होते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब रहता है और उसका शरीर से कार्य नहीं करता। वह हमेशा अपनी अच्छे स्वास्थ्य व शारीरिक शक्ति और सेहत से जूझता रहता है। उसका दैनिक जीवन निष्क्रिय प्रतीत होता है और उसे चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और अन्य सभी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2. मेडिकल स्थिति: मेडिकल स्थिति से हमेशा पता चलता है कि व्यक्ति को कुछ बीमारियाँ हैं जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप की समस्या, उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या, किडनी की समस्या और मोटापा जैसे बीमारी है। ये सभी मेडिकल कारक इरेक्टाइल डिसफंक्शन के रूप में व्यक्ति के यौन जीवन को लगभग प्रभावित करते हैं।
3. मनोवैज्ञानिक स्थिति: अगर कोई व्यक्ति खुश है तो उसकी सकारात्मक ऊर्जा उसे हमेशा नए कार्य करने हेतु प्रेरित करती है। यह एक मानव मनोविज्ञान है जो रचनात्मक चीजें, नई सोच और मनोरंजक चीजें पैदा करता है। इसके विपरीत, तनाव, अवसाद, चिंता और रिश्तों से जुड़ी समस्याएं हमेशा हमारे दिमाग और सोच को प्रभावित करती हैं। मनोवैज्ञानिक समस्या के कारण व्यक्ति अपनी यौन इच्छा खोने लगता है और उसका मन हमेशा दुखी व उदास रहता है।
4. स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: आदत दूसरी प्रकृति का ही नाम है। आपकी आदत अच्छी हो या बुरी, यह पूरी तरह से आपके स्वभाव पर निर्भर करता है। यहां, हम उन आदतों के बारे में चर्चा करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, खासकर यौन स्वास्थ्य को। धूम्रपान और शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और यह हमारे यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अनियमित दिनचर्या हमारे शरीर को अनफिट बनाती है। बुरी संगत हमेशा हमारे दिमाग और विचारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
उपयुक्त चार कारणों के अलावा, ऐसे बहुत से कारण हैं जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के रूप में हमारे यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं जैसे- एथेरोस्क्लेरोसिस, मेटाबोलिक सिंड्रोम, पार्किंसंस रोग, आदि-आदि।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित विभिन्न आयु वर्ग के लोग: डॉ. सुनील दुबे जो कि पटना, बिहार के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं बताते है कि पूरे भारत से गुप्त व यौन रोगी अपना यौन उपचार करवाने के लिए दुबे क्लिनिक से संपर्क करते हैं। वह दुबे क्लिनिक में हर दिन प्रैक्टिस करते हैं जहाँ हर दिन चालीस से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी अपने-अपने इलाज करवाने के लिए आते हैं। उनके कथनानुसार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों का प्रतिशत इस प्रकार है:-
- 20 से 29 वर्ष के युवा वर्ग: 8%
- 30 से 39 वर्ष के मध्यम आयु वर्ग: 11%
- 40+ वर्ष के लोग: बहुतायत में।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) का उपचार:
डॉ. सुनील दुबे का दावा है कि आयुर्वेदिक दवा और उपचार किसी भी गुप्त व यौन रोग के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। सीधे शब्दों में कहें तो अन्य चिकित्सा पद्धति में किसी भी गुप्त या यौन रोग का 100% समाधान उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर शोध किया और पाया है कि ऐसे कई कारक हैं जो किसी व्यक्ति को इरेक्शन की समस्या को बढ़ाते हैं। जब किसी व्यक्ति को यौन समस्या होती है, तो वह न केवल समस्या से परेशान होता है, बल्कि उसका यौन व्यवहार व उसका सोच भी प्रभावित होता है। इस स्थिति में, आयुर्वेदिक उपचार और दवा की प्राकृतिक प्रणाली उनकी समस्याओं को सुधारने में हर समय मदद करती है।
डॉ. सुनील दुबे उन सभी यौन रोगियों को अपना उपचार और दवा प्रदान करते हैं जो नपुंसकता, शीघ्रपतन, कम यौन इच्छा, धातु सिंड्रोम, स्वप्नदोष, यौन संचारित संक्रमण, यौन विकार आदि से पीड़ित हैं।
वे पुरुष और महिला दोनों गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते हैं। उनकी यौन परामर्श दूसरों से अनूठी और अलग है। सबसे पहले, वे समस्याओं का सही कारण का आंकलन करते हैं और फिर उनका इलाज शुरू करते हैं। अपने उपचार में, वह जड़ी-बूटियों, प्राकृतिक रस-रसायनो, गुणवत्ता-पूर्ण भस्म, प्राकृतिक तेल, प्राकृतिक गोली और स्वदेशी उपचार जैसी प्राकृतिक दवाओं के तहत संपूर्ण चिकित्सा-उपचार रोगी को प्रदान करते हैं।
दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें और इलाज करवाएं:
अगर आप किसी यौन समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट जरूर लेना चाहिए। यह बिहार का पहला आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस क्लिनिक भी है, जहां हर उम्र के गुप्त व यौन रोगी अपना इलाज करवाने आते हैं।
यह एक प्रमाणित आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो अपने गुणवत्तापूर्ण उपचार और दवा हेतु पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। डॉ. सुनील दुबे खुद हर मरीज का इलाज करते हैं और उन्हें अपनी सबसे कारगर प्राकृतिक दवा देते हैं। दुबे क्लिनिक से अब तक 6.45 लाख से ज्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें, जो हर दिन सुबह 08:00 बजे से रात 20:00 बजे तक फोन पर उपलब्ध है। अपॉइंटमेंट पश्चात, समय पर क्लिनिक जाएँ और अपना उचित इलाज करवाएँ। एक निश्चित समय के भीतर, आपको एहसास होगा कि आप सही जगह पर हैं जहाँ आप अपनी गुप्त व यौन समस्या को हमेशा के लिए सुधार सकते हैं।
आपका सधन्यवाद
दुबे क्लिनिक
भारत का भरोसेमंद व प्रमाणित आयुर्वेदिक क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पीएच.डी. (यू.एस.ए.)
पता: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना – 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112