Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी क्यों मनाई जाती है ? जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में इंदिरा एकादशी का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सात पीढ़ियों के पितरों को पाप से मुक्ति मिलती है। अगर इंदिरा एकादशी के दिन श्राद्ध किया जाए और उसका पुण्य पितरों को दिया जाए, तो नरक में गए पितर भी स्वर्ग में चले जाते हैं। इस दिन व्रत करने से सभी जीवितमाओं को भी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

इंदिरा एकादशी को पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी होने की वजह से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और कथा सुननी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि कथा को पढ़ने और सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाते हैं और बैकुंठ को प्राप्त होते हैं।

Indira Ekadashi 2024 : इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी का व्रत हर साल आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल यह तिथि, 27 सितंबर (शनिवार) को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना के अनुसार 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी।

Indira Ekadashi 2024 : इंदिरा एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में इंदिरा एकादशी का बहुत महत्व है। पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी को ही इंदिरा एकादशी कहते हैं। इंदिरा एकादशी के दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। इंदिरा एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है और उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति मृत्यु के बाद उच्च लोकों में जाता है।

इंदिरा एकादशी के दिन व्रत रखने के लिए, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पितरों का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाता है। साथ ही, इस दिन ब्राह्मणों को सम्मानपूर्वक घर बुलाकर भोजन करवाते हैं और दक्षिणा देते हैं। ग्रंथों के अनुसार, इस दिन घी, दूध, दही, और अन्न दान करना बहुत फलदाई होता है। इन चीज़ों का दान करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है, धन लाभ होता है, और सेहत अच्छी रहती है।

Indira Ekadashi 2024 : इंदिरा एकादशी की पूजा विधि

इंदिरा एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें फिर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद, मंदिर की साफ़-सफ़ाई करें और फिर, गंगाजल और पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इसके बाद, पीले फूल, चंदन, और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। मंदिर में घी का दीपक जलाएं और भगवान को भोग लगाएं। पूजा के दौरान, विष्णु चालीसा का पाठ पढ़ें और ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। अंत में, आरती करें और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी से क्षमा मांगें।

इंदिरा एकादशी के दिन करें ये काम

सूर्यास्त के समय, तुलसी के सामने घी का दीपक जलाकर, ‘ऊं वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए, तुलसी की 11 परिक्रमा करें। ऐसा करने से सौभाग्य बढ़ता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले।

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